भारती अंटार्कटिका में भारत द्वारा स्थापित अनुसन्धान केंद्र का नाम है।
भारती अंटार्कटिका में भारत द्वारा स्थापित अनुसन्धान केंद्र का नाम है। यह अंटार्कटिका में भारत द्वारा स्थापित तीसरा अनुसन्धान केंद्र है।[1] इसके पूर्व दक्षिण गंगोत्री और मैत्री अनुसन्धान केंद्र स्थापित किये जा चुके हैं। वर्तमान बर्फ में दव जाने के कारण दक्षिण गंगोत्री को सप्लाई बेस के रूप में प्रयुक्त हो रहा है। जब कि मैत्री अनुसन्धान केंद्र चालू है.। मैत्री और भारती अनुसन्धान केंद्र स्थायी रूप से काम कर रहे हैं।
पूर्वी अंटार्कटिका की लार्सेमन हिल्स और पेनीसूलास हिल्स के बीच पथरीली भूमि पर स्थित है।यह स्थल प्राकृतिक रूप से एक ग्रेनाइट पहाड़ी है। जो समुद्र तल से लगभग ९० मीटर ऊँचा टावर जैसा दिखाई पड़ता है। यह अनुसंधान केंद्र मैत्री अनुसंधान केन्द्र से लगभग ३,००० किलोमीटर दूर स्थित है। [1]ऑस्ट्रेलिया, एशिया, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और भारत एक साथ मिलकर इस सुपर-महाद्वीप का एक हिस्सा बन गए हैं। भारत के पूर्वी तट के गोंडवानालैंड से अंटार्टिका के तट से तुलना की जा सकती है।
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